My world...dreams and questions....

Monday, November 27, 2006

Pyaar

क्या नहीं पाया है तुम्हारा साथ पा कर
यूँ रंगीन बना है मेरा जहान आज
क्या इसी को किस्मत हैं कहते
के आप हो गये हैं मेरी ज़िन्दगी का ताज |

यह हाथों की लकीरों में था लिखा
यह रास्तों पर हैं निशाँ बना हुआ
यह जाते हैं सब उस मँज़िल की ओर
हमें बाँधे है जहाँ प्रेम की डोर |

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