तन्हाई
एक वो मुकम्मल जहाँ था
जहाँ दिल न कभी सुना था
यह भी तो एक जहाँ है
कोई अपना दिखता ही कहाँ है ।
अंधेरे क्या और उजाले क्या
वक़्त एक सा ही रह्ता है
मुसकुराने की आदत सी हो गयी है
बडे हसमुख हो हर कोइ कह्ता है ।
आँसू का एक कतरा आज आँख से गिरा
तो तनहाई ने मुझसे कहा
अकेले हो तुम अकेले हैं हम
क्युँ न शुरू करें दोस्ती का कारवां ।
किसी दोस्त के मिलते ही
तुम तो मेरा साथ छोड दोगी
अगर फिर कभी तन्हा हुइ तो
मुझे तभ भी अपने पास पाओगी ।
जहाँ दिल न कभी सुना था
यह भी तो एक जहाँ है
कोई अपना दिखता ही कहाँ है ।
अंधेरे क्या और उजाले क्या
वक़्त एक सा ही रह्ता है
मुसकुराने की आदत सी हो गयी है
बडे हसमुख हो हर कोइ कह्ता है ।
आँसू का एक कतरा आज आँख से गिरा
तो तनहाई ने मुझसे कहा
अकेले हो तुम अकेले हैं हम
क्युँ न शुरू करें दोस्ती का कारवां ।
किसी दोस्त के मिलते ही
तुम तो मेरा साथ छोड दोगी
अगर फिर कभी तन्हा हुइ तो
मुझे तभ भी अपने पास पाओगी ।
1 Comments:
tanhayee kabhi akeli nahi hoti,...parchayee ko bhul jaogee???
us pyar ko bhool jaogee jo tumhare saath abhi bhi hai ....
aasoo nahi hote to tumhe hasee ki ehmiat ka kaise pata chalta
By Aparna Mudi, at 5/31/2006 2:57 PM
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