My world...dreams and questions....

Wednesday, April 19, 2006

क्युँ ??

क्युँ ऐसी किस्मत बन गयी है,

अपनी पर्छाई से भी डर लगता है,

सोचती हूँ जब अकेले में,

अपने हालात से डर लगता है।

ऐसे खालीपन के साथ ही शायद,

अब गुज़र बसर करना पड़े,

रास्ते के पत्थरों को शायद,

नज़र-अंदाज़ करके आगे बढना पड़े।

न चाहते थे जो वो आज हो रहा है,

मंज़िल की ओर जो रास्ता जाता है,

वो धुऐ में धुंधला सा नज़र आता है,

क्युँ हालात पर कभी-कभी तरस आता है?

किस्मत वाले हैं जो प्यार कर पाए हैं,

किस्मत वाले हैं जो प्यार पा सके हैं,

यही सोच कर उम्र काटनी पड़ सकती है,

सच के कड़वे घूँट पीने से कतराते हैं।


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