My world...dreams and questions....

Tuesday, April 25, 2006

Intezaar

यह भीगा सा सर्द मौसम
याद दिलाता है उस वक़्त की
जब साथ में हुआ करते थे हम।
तुम्हारी बाहों की गर्माहट
में वो सवाल-जवाब का सिलसिला
न भूल पाए हैं हम अब तक।
फ़िज़ाओं में महक है तुम्हारी
बारिश की बून्दों में छलक रहा है प्यार
कब आओगे है अब् यही इंतज़ार।
पल पल की है खबर नहीं
हम ज़िन्दगी की बात किया करते हैं
लगता है वक़्त बस ठहर जाये यहीं।
हम आपके आने के हैं मुन्तज़िर
कहीं खो न दें तुम्हें दोबारा
रास्ते पर नज़र टिकाये हुए हैं आज फिर।

Labels: ,

3 Comments:

Post a Comment

<< Home